Finance kya hai | What is Finance in Hindi? | फाइनेंस क्या है?

Finance kya hai: यहाँ हमने फाइनेंस क्या है?-Finance kya hai पर विस्तार से जानकारी दी है| यह लेख आपको Finance टर्म को समजने में मदद करेगा|

Finance in Hindi

लगभग हर दिन हम कही न कही फाइनेंस या उससे सम्बंधित शब्द को सुनते है| लेकिन क्या आपको पता है की फाइनेंस शब्द का अर्थ क्या होता है और उसके प्रकार कितने है? यहाँ हमने आपसे फाइनेंस के सन्दर्भ में लगभग सभी जानकारी को हिंदी में साँझा किया है जिससे आपको Finance kya hai और फाइनेंस के प्रकार कितने है उसे समजने में आसानी हो|

What is Finance in Hindi? – Finance kya hai

Finance की कोई निश्चित परिभाषा नहीं है लेकिन इसे आप इस शब्दों में समज सकते है की “फाइनेंस एक शब्द है जो वित्त धन और निवेश के प्रबंधन, निर्माण और अध्ययन से संबंधित मामलों के लिए उपयोग में लिया जाता है। यह फ्रेंच भाषा में से लिया गया है|”

यह एक बड़ा विषय है| आप देख सकते है की हमने इस वेबसाइट “Finance.beexpensive.in” में कितने विषयो को कवर किया है| यह सभी विषय फाइनेंस के अंतर्गत ही आते है| फाइनेंस पर से एक और शब्द है फाइनेंसिंग जो की पैसे-वित् के प्रबंधन से सम्बंधित है|

Financing(वित्तीयन) – जब किसी भी व्‍यवसाय या उद्देश्य के लिए पैसों का इंतजाम किया जाता है तो इसे वित्तीयन या Financing कहा जाता है| यह धन राशि पर एक निश्चित प्रतिशत में व्याज दिया जाता है|

आशा है की आपको फाइनेंस के बारे में अच्छे से समाज आया होगा की फाइनेंस किसे कहते है| अब हम उसके प्रकार(Types of Finance in Hindi) के बारे में आपको जानकारी देते है|

  • फाइनेंस में मुख्य रूप से धन, निवेश और अन्य वित्तीय साधनों के अध्ययन और प्रणाली का वर्णन करता है।
  • इसे मुख्य तिन भागो में विभाजित किया जा सकता है|
  • फाइनेंस का इतिहास काफी पुराना है|

फाइनेंस के प्रकार(Types of Finance in Hindi)

फाइनेंस को मुख्या तिन रुपमे विभाजित किया जा सकता है| यहाँ निचे हमने इसके तीनो प्रकार के नाम और उनके विषय में विस्तार से जानकारीदी है|

  1. पर्सनल फाइनेंस – Personal Finance
  2. कॉरपोरेट फाइनेंस – Corporate Finance
  3. पब्लिक फाइनेंस – Public Finance

पर्सनल फाइनेंस – Personal Finance kya hai

पर्सनल फाइनेंस को हिंदी में “व्यक्तिगत वित्त” के रूप से जाना जाता है| स्वयं या किसी व्यक्ति के लिए पैसे प्रंबधन और नियंत्रण करने को पर्सनल फाइनेंस – Personal Finance कहा जाता है| यहाँ व्यक्ति अपने तरीको से इसे नियंत्रित करता है|

किसी व्यक्ति या उसके परिवार की अल्पकालिक और दीर्घकालिक जरूरतों को पूरा करने की योजना को क्रियान्वित करने को भी Personal Finance कहा जाता है| यह मोटे तौर पर किसी व्यक्ति या परिवार की कमाई, उनके रहने की आवश्यकताओं, लक्ष्यों और इच्छाओं पर निर्भर करता है। क्रेडिट कार्ड, जीवन और गृह बीमा, मॉर्गेज, कर, बचत और निवेश, सेवानिवृत्ति योजना, इत्यादि पर्सनल फाइनेंस के तौर पर ही जाना जाता है|

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कॉरपोरेट फाइनेंस – Corporate Finance kya hai

जैसे व्यक्तिगत वित्त में किसी व्यक्ति या उसके परिवार की वित्त का प्रबंधन और नियंत्रण किया जाता है उसी तरह कॉरपोरेट फाइनेंस – Corporate Finance में कंपनी, संगठन या समूह की वित्त का प्रबंधन और नियंत्रण किया जाता है|

कॉरपोरेट फाइनेंस – Corporate Finance में कंपनी के इनकम, खर्च, कमर्चारियों की सैलरी, इंवेस्टमेंट आदि ​का का प्रबंधन और नियंत्रण करना होता है।

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पब्लिक फाइनेंस – Public Finance kya hai

Public Finance जिसे सार्वजनिक वित्त से भी समजा जा सकता है| Public Finance में सरकार कर, बैंक से लिया गया लोन, बीमा कंपनियों से लिया गया उधार, अन्य सरकारों के पास से लिया गया उधार, सरकारी कंपनी के द्वारा प्राप्त आय, राज्य एव स्थानीय सरकार को दिया गया अनुदान एवम सहायता इत्यादि का प्रबंधन और नियंत्रण किया जाता है|

अगर आप पब्लिक फाइनेंस – Public Finance के बारे में अधिक जानना चाहते है तो निचे दी गयी लिंक पर क्लिक करे|

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Finance Vs. Financing in Hindi

ऊपर हमने देखा की फाइनेंस में वित्त का अध्ययन करके उसका प्रबंधन और नियंत्रण करना होता है| लेकिन फाइनेंसिंग में ऐसा नहीं होता| फाइनेंस(Finance) और फाइनेंसिंग(Financing) एक तरह के लगते शब्द है लेकिन उनकी परिभाषा में कुछ अंतर है| फाइनेंस में वित्त का अध्ययन करके उसका प्रबंधन और नियंत्रण करना होता है लेकिन फाइनेंसिंग में ऐसा नहीं होता| फाइनेंसिंग में सिर्फ वित्तिय सहायता देनी होती है| फाइनेंसिंग को हिंदी में (Financing meaning in Hindi) वित्तपोषण या वित्तीयन कहा जाता है|

Classification Financing in Hindi

ऊपर हमने आपसे फाइनेंस के प्रकार से अवगत कराया है| अब हम आपको Financing के विभाजन के बारे में जानकारी देते है| जिससे फाइनेंस और फाइनेंसिंग के बिच का अंतर समजनेमे आपको सरलता रहे|

फाइनेंसिंग में विभाजन समय पर आधारित होता है| समय के आधार पर उन्हें तिन भागो में विभाजित किया जा सकता है जो की निचे दिए है|

  1. अल्‍पकालीन वित्तीयन – Short Term Finance
  2. मध्‍यकालीन वित्तीयन – Medieval Finance
  3. दीर्घकालीन वित्तीयन – Long Term Finance

अल्‍पकालीन वित्तीयन – Short Term Finance

जब भी बहुत थोड़े समय के लिए (1 से 1.5 साल तक) ऋण दिया या लिया जाता है उसे अल्‍पकालीन वित्तीयन – Short Term Finance कहा जाता है|

मध्‍यकालीन वित्तीयन – Medieval Finance

जब भी 1.5 से  5 साल तक ऋण दिया या लिया जाता है तब उसे मध्‍यकालीन वित्तीयन – Medieval Finance कहा जाता है|

  • इसका उद्देश्य मैन्युफैक्चरिंग या प्रॉपर्टी के लिए होता है

दीर्घकालीन वित्तीयन – Long Term Finance kya hai

जब भी 5 वर्ष या उससे से अधिक समय के लिए जो ऋण लिया-दिया जाता है उसे दीर्घकालीन वित्तीयन – Long Term Finance कहते हैं|

  • इसका उद्देश्य परिसंपत्तियों का निर्माण करने के लिए होता है।

वित्तीय ज्ञान क्यों जरूरी है?t – Why is financial knowledge necessary?

पहले के मुकाबले अभी लोगो में वित्तीय ज्ञान बढ़ा है और उसका सबसे अधिक श्रेय टेक्नोलॉजी को जाता है| जैसे जैसे टेक्नोलॉजी का विस्तार हुआ ऐसे ऐसे लोगो में वित्त के प्रति जागरूकता बढ़ी है| पहले लोगो के पास वित्तीय ज्ञान न होने के कारण वे उनके वित्त को सही जगह पर नहीं लगा सकते थे| वित्तीय ज्ञान इस लिए जरूरी है क्योकि उससे आप अपनी कम वित्त को समय के साथ बढ़ा सकते है और आने वाले समय में जीवनकी चुनौतियों से लड़ सकेंगे|

अभी लोगो के पास पहले के मुकाबले निवेश करने के अधिक और सरल उपाय है, जैसे की म्यूच्यूअल फंड, Stock Market, FD, इत्यादि, यह सभी निवेश पहले से ही है लेकिन टेक्नोलॉजी के माध्यम से यह काफी आसान हो गया है|

FAQ – Finance in Hindi

यहाँ निचे हमने फाइनेंस के सन्दर्भ में कुछ प्रश्नों के जवाब आपसे शेयर किये है| अगर इस विषय में आपको और भी प्रश्न है तो आप हमें निचे दिए गए कमेंट बॉक्स में पूछ सकते है|

फाइनेंस क्या है?

“फाइनेंस एक शब्द है जो वित्त धन और निवेश के प्रबंधन, निर्माण और अध्ययन से संबंधित मामलों के लिए उपयोग में लिया जाता है। यह फ्रेंच भाषा में से लिया गया है|”

फाइनेंस कितने प्रकार की होती है?

फाइनेंस को मुख्य रूप से तिन प्रकार में विभाजित किया जा सकता है| जैसे की पर्सनल फाइनेंस – Personal Finance, कॉरपोरेट फाइनेंस – Corporate Finance, पब्लिक फाइनेंस – Public Finance.

फाइनेंस और फिनासिंग में क्या अंतर है?

फाइनेंस(Finance) और फाइनेंसिंग(Financing) एक तरह के लगते शब्द है लेकिन उनकी परिभाषा में कुछ अंतर है| फाइनेंस में वित्त का अध्ययन करके उसका प्रबंधन और नियंत्रण करना होता है लेकिन फाइनेंसिंग में ऐसा नहीं होता| फाइनेंसिंग में सिर्फ वित्तिय सहायता देनी होती है|

फाइनेंसिंग के प्रकार

फाइनेंसिंग में विभाजन समय पर आधारित होता है| समय के आधार पर उन्हें तिन भागो में विभाजित किया जा सकता है जो की निचे दिए है| अल्‍पकालीन वित्तीयन – Short Term Finance, मध्‍यकालीन वित्तीयन – Medieval Finance, दीर्घकालीन वित्तीयन – Long Term Finance.

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